Friday, 12 June 2020

कहानी - निस्वार्थ भाव से किया गया एक कार्य

एक  समय की बात है , एक मछलियों का ब्यापारी था , वह काफी धनाढ्य था।  नदी के ही कुछ दूरी पर उसका आलिशान मकान था।  उसके पास कुछ नावें थी , कुछ बिलकुल  ठीक ठाक  थी कुछ पुरानी हो चुकी थी  जिन्हे  दुरुस्त करने की जरूरत थी।  अतः उसने एक  पेंटर को बुला कर  सभी नावों को पेंट करने के लिए कहा। पेंटर ने पेंट करने के पांच सौ  रूपये मांगे। ब्यापारी उसे पूरे पैसे दे कर   और काम समझा कर ब्यापारी अपने धंधे पर चला गया।  

और जब वह ब्यापारी शाम को घर  लौटा तो  घर के सामने भीड़ देख का घबरा गया। और उसे पता लगा की उसके दोनों बेटे काफी देर  से गायब थे  बहुत खोजने पर नहीं मिल रहे थे।  बच्चों की माँ का भी रो रो कर काफी ख़राब  हालत  हो गई थी।  तभी उसे पेंटर का ख्याल आया जिसे उसने नावों को पेंट करने का काम सौंपा था। पता लगा की वह दोपहर को  ही वह काम  पूरा कर के जा  चुका था।  पर उसने देखा की जितनी नाव पेंट करने के लिए कहा था उसमे से एक नाव कम  है।  
ब्यापारी समझ गया की उसके दोनों  बेटे नाव ले कर  नदी में गए है।  अतः वह तुरंत  कुछ नाविकों और गोताखोरों को ले कर  दूसरी नाव पर सवार हो कर  बच्चों को ढूढ़ने के लिए निकल पड़ा।    अभी वह कुछ दूर ही गया था तभी उसे दूर से नाव आती दिखाई दी , वह उसी की ही  नाव थी , उसमे बैठे उसके दोनों बच्चे सुरक्षित थे।  ब्यापारी ने राहत की साँस ली और तेजी से अपनी नाव  को उनकी तरफ ले कर गया।  पिता को अपनी तरफ आता देख कर बचे डर गए , क्योंकि उन्हें  बिना पूछे नाव ले जाने की अनुमति नहीं थी।  बच्चे डरते डरते सहमे हुए पिता के करीब आये , पर पिता ने उन्हें डांटने की बजाय उन्हें गले से लगा लिया।  नदी के किनारे माँ और कई लोग बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे।  बच्चे नाव से उतरते ही माँ से जा कर लिपट गए।  सभी के जाने के बाद ब्यापारी बच्चों की नाव के करीब आया उसे गौर से देखने लगा।  देखने के बाद उसने तुरंत एक आदमी को उस पेंटर को बुलाने के लिए भेजा।  पेंटर सहम गया , उसे लगा की कुछ गलती हो गई है अतः उसे दंड देने की लिए बुलाया गया है. वह पेंटर जब वहां पहुँचा तो  ब्यापारी उससे प्रश्न किया की 
तुमने आज क्या काम किया ?
नाविक - जी नाव रंगने का। 
ब्यापारी - तुम्हारी मजदूरी कितनी हुई ?
नाविक - जी पांच सौ रुपये।  
ब्यापारी कुर्सी से उठ कर पेंटर को गले लगते हुए कहा की पांच सौ रूपये  नहीं , बल्कि काफी ज्यादा , यह लो पचास हजार रुपये। ऐसा कहते हुए उसने नोटों की गड्डी   उसके हाथ पर रख दी।  नाविक यह समझ नहीं पा रहा थी की उसे इतने पैसे क्यों दे रहे हैं. और भी लोग आश्चर्य से देख रहे थे. 
तभी ब्यापारी ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा की - आप सभी सोच रहे होंगे की पांच सौ रूपये के काम के पचास हजार क्यों दे रहा हूँ. 
ऐसा इस लिए की इस पेंटर की वजह से ही मेरे दोनों बेटों की जान बच गई .... .दरअसल जिस नाव को ले कर बच्चे नदी में गए थे उस नाव में एक छोटा सा छेद था।  और इस पेंटर ने बिना किसी के पूछे उसको भर दिया , जो की इनका काम नहीं था और न ही इस काम के इन्होने पैसे मांगे , और इन्होने निस्वार्थ भाव से जो काम किया  उसी से मेरे दोनों बच्चे सुरक्षित बच सके।  अगर इन्होने उस काम को न किया होता तो नाव कुछ दूर जा कर डूब सकती थी।  अतः इनके निस्वार्थ भाव से किये गए काम से मैं इनका  आजीवन ऋणी हो गया हूँ। यह छोटी सी रकम इनकी अच्छाई के सामने एक मामूली सा तोहफा है।  ब्यापारी की यह बात सुन कर वहां उपस्थित सभी लोग पेंटर के सम्मान में तालियां बजाई और सभी ने उसका धन्यवाद किया। 

दोस्तों ,  केवल बड़े आयोजन या बड़े स्तर के कार्य से ही महान बना जा सकता है ऐसा नहीं है  , बल्कि दैनिक जीवन में भी कई छोटी छोटी चीजें होती है जो  महानता तक ले जाती हैं. 
अतः , इस कहानी से सीख लेनी चाहिए की हमें भी नेक काम के छोटे से छोटे अवसर को गंवाना नहीं चाहिए। और अपने अहम् को त्याग कर इस दुनिया को संवारने का प्रयास करना चाहिए। 
धन्यवाद ! 

Monday, 1 June 2020

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞⛅ *दिनांक 01 जून 2020*


🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
 *दिनांक 01 जून 2020*
 *दिन - सोमवार* 
 *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
 *शक संवत - 1942*
 *अयन - उत्तरायण*
 *ऋतु - ग्रीष्म*
 *मास - ज्येष्ठ*
 *पक्ष - शुक्ल* 
 *तिथि - दशमी शाम 02:57 तक तत्पश्चात एकादशी*
 *नक्षत्र - हस्त 02 जून रात्रि 01:03 तक तत्पश्चात चित्रा*
 *योग - सिद्धि दोपहर 01:18 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
 *राहुकाल - सुबह 07:25 से सुबह 09:05 तक* 
 *सूर्योदय - 05:57*
 *सूर्यास्त - 19:14* 
 *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
 *व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा समाप्त*
💥 *विशेष - 
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
 *01 जून 2020 सोमवार को दोपहर 02:58 से 02 जून मंगलवार को दोपहर 12:04 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष - 02 जून मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🙏🏻 *प्रेरणामूर्ति भारती श्रीजी*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🙏🏻 *Sureshanandji Haridwar 11.02.2010*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के जो दिन चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*
🙏🏻 *- पूज्य बापूजी मुंबई 1/1/2012*
🌞 *~ हिन्दू पंचाग ~* 🌞

🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*
💥 *विशेष ~ व्यतिपात योग - 01 जून 2020 सोमवार को दोपहर 01:19 से 02 जून सुबह 09:53 तक व्यतीपात योग है।*
🙏🏻 *कथा स्रोत - बडोदा २००८ में १२ नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)*

🌞 *~ हिन्दू पंचाग ~* 🌞 
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏

Saturday, 30 May 2020

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞⛅ *दिनांक 31 मई 2020*


🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
 *दिनांक 31 मई 2020*
 *दिन - रविवार* 
 *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
 *शक संवत - 1942*
 *अयन - उत्तरायण*
 *ऋतु - ग्रीष्म*
 *मास - ज्येष्ठ*
 *पक्ष - शुक्ल* 
 *तिथि - नवमी शाम 05:36 तक तत्पश्चात दशमी*
 *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 01 जून रात्रि 03:01 तक तत्पश्चात हस्त*
 *योग - वज्र शाम 04:31 तक तत्पश्चात सिद्धि*
 *राहुकाल - शाम 05:25 से शाम 07:05 तक* 
 *सूर्योदय - 05:57*
 *सूर्यास्त - 19:14* 
 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
 *व्रत पर्व विवरण - 
💥 *विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *महेश नवमी* 🌷
🙏🏻 *ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 31 मई, रविवार को है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। इस अवसर पर हम आपको शिवपुराण में लिखे कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिन्हें करने से साधक की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। ये उपाय बहुत ही आसान है।*
 *भगवान शिव को कच्चे चावल चढ़ाने से धन लाभ होता है ।*
 *भगवान शिव को बेला के फूल चढ़ाने से सुंदर पत्नी मिलती है ।*
 *शिवलिंग का अभिषेक गाय के घी से करने से कमजोरी दूर होती है ।*
 *महादेव की पूजा हरसिंगार के फूलों से करें तो सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है ।*
 *कनेर के फूलों से भगवान शिव की पूजा करने से नए वस्त्र मिलते हैं ।*
 *महादेव को जूही के फूल चढ़ाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती ।*
 *धतूरे के फूल से पूजा करने पर महादेव सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं ।*
 *भगवान शिव को गेहूँ चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है ।*
 *शिवजी की पूजा चमेली के फूल से करने पर वाहन सुख मिलता है ।*
 *शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी सुख मिलते हैं ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *गंगा दशहरा* 🌷
*भारतीय संस्कृति में गंगा का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में भी गंगा का देव नदी कहा गया है यानी देवताओं की नदी। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी (गंगा दशहरा) पर गंगा धरती पर आई थी। (01 जून, सोमवार) गंगा दशहरा के मौके पर हम आपको बता रहे हैं गंगा जल के कुछ आसान उपाय।*
 *अगर परिवार के लोगों में नहीं बनती तो रोज सुबह पूरे घर में गंगा जल छिड़के ।इससे घर की नेगेटिविटी कम होगी और शांति का माहौल बनेगा ।*
 *दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल भर कर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करें ।इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होगी ।*
 *परिवार में सुख-समृद्धि चाहते हैं तो पीपल के पेड़ पर रोज गंगा जल चढ़ाएं, क्योंकि पीपल में भगवान विष्णु का वास मना गया है ।*
 *दुकान में किसी ने तंत्र प्रयोग किया हो तो पूरी दुकान में गंगा जल छिड़के ।इससे उस जगह की नेगेटिविटी खत्म हो जाएगी और व्यवसाय चलने लगेगा ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *गंगा दशहरा* 🌷
🙏🏻 *दशहरा तिथि को गंगा स्नान व पूजन करने से 10 प्रकार के (3 कायिक ,4 वाचिक, 3 मानसिक) पापों नाश होता है।*
🙏🏻 *प्रेरणामूर्ति भारती श्रीजी*


🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🍀🌹🌻🌸🌺💐🍁🙏🏻

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞⛅ *दिनांक 30 मई 2020*


🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
 *दिनांक 30 मई 2020*
 *दिन - शनिवार* 
 *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
 *शक संवत - 1942*
 *अयन - उत्तरायण*
 *ऋतु - ग्रीष्म*
 *मास - ज्येष्ठ*
 *पक्ष - शुक्ल* 
 *तिथि - अष्टमी रात्रि 07:57 तक तत्पश्चात नवमी*
 *नक्षत्र - मघा सुबह 06:03 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
 *योग - हर्षण रात्रि 07:28 तक तत्पश्चात वज्र*
 *राहुकाल - सुबह 09:05 से सुबह 10:45 तक* 
 *सूर्योदय - 05:57*
 *सूर्यास्त - 19:14* 
 *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
 *व्रत पर्व विवरण - 
💥 *विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए*
 *30 मई 2020 शनिवार को शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है ।*
🙏🏻 *अगर काम धंधा करते समय सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बेल के कोमल कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को अर्पण करने से .... मंत्र बोले " ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः । " और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है गुरु मंत्र का जप और कभी कभी ये प्रयोग करें।*
🙏🏻 *श्री सुरेशानंदजी, बेरहमपुर, 16 अक्टूबर 2011*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *सुख समृद्धि और सौभाग्य की बढोत्तरी के लिए व्रत*
🙏🏻 *जेष्ट मास में सुहागन देवियों के लिए व्रत "उमा ब्रह्मणि व्रत" ... भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को हो सके तो आसपास कन्याएं - बेटियां छोटी -छोटी हो तो उनको दूध और चावल की खीर का भोजन करायें | खुद भी खायें और माँ पार्वती के नाम का थोड़ा जप कर दें ये मंत्र बोल कर |*
🌷 *ॐ पार्वत्यै नमः*
🌷 *ॐ शंकरप्रियायै नमः* 
🌷 *ॐ गौरियै नमः*
🌷 *ॐ उमायै नमः* 
🙏🏻 *ये बोल कर माँ पार्वती को प्रणाम करें तो उस सुहागन देवी के घर में सुख समृद्धि और सौभाग्य की बढोत्तरी होती है |*
💥 *विशेष ~ 31 मई 2020 रविवार को ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि है ।*
🙏🏻 *- श्री सुरेशानंदजी Haridwar 9th May' 2012*

🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🌻🌹🌼🌸🌺💐

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞⛅ *दिनांक 29 मई 2020*


🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
 *दिनांक 29 मई 2020*
 *दिन - शुक्रवार* 
 *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
 *शक संवत - 1942*
 *अयन - उत्तरायण*
 *ऋतु - ग्रीष्म*
 *मास - ज्येष्ठ*
 *पक्ष - शुक्ल* 
 *तिथि - सप्तमी रात्रि 09:55 तक तत्पश्चात अष्टमी*
 *नक्षत्र - अश्लेशा सुबह 06:58 तक तत्पश्चात मघा*
 *योग - व्याघात रात्रि 10:07 तक तत्पश्चात हर्षण*
 *राहुकाल - सुबह 10:45 से दोपहर 12:24 तक* 
 *सूर्योदय - 05:58*
 *सूर्यास्त - 19:14* 
 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
 *व्रत पर्व विवरण - 
💥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *चैन की नींद के लिए* 🌷
 *चैन की नींद न आती हो, तो सिरहाने की तरफ कर्पूर जलाकर "ॐ" का गुंजन करें l सुबह -शाम जलाने से वायु दोष दूर होगा, लक्ष्मी प्राप्ति होगी, बुरे सपने नहीं आयेंगे l*
🙏🏻 *पूज्य बापूजी - हरिद्वार, १६ मई २०११*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *घर के मेन गेट के ठीक सामने किचन नहीं बनाना चाहिए। मेन गेट के एकदम सामने का किचन घर के सदस्यों के लिए अशुभ रहता है।*
💥 *उपाय ~ मेन गेट और किचन के बीच पर्दा लगा दें।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर करने के लिए*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार माता पार्वती शिवजी को पति के रूप में पाना चाहती थीं, इसके लिए उन्होंने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। शिवजी तप से प्रसन्न हुए और उन्होंने पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार कर लिया। आज भी यदि कोई लड़की सच्चे मन से शिवजी और माता पार्वती की पूजा करती है तो उसे भगवान की कृपा से मनचाहा वर मिल सकता है। साथ ही, इनकी कृपा से वैवाहिक जीवन की परेशानियां भी दूर हो सकती हैं। शिवजी की कृपा पाने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं...*
1⃣ *अगर किसी लड़की के विवाह में अकारण ही देरी हो रही है या सुयोग्य वर नहीं मिल रहा है तो उसे शिवजी और माता पार्वती की नियमित रुप से पूजा करनी चाहिए ।*
2⃣ *शिवलिंग पर जल चढ़ाने और माता पार्वती की पूजा करने से पति से प्रेम प्राप्त होता है ।*
3⃣ *अगर कुंडली में विवाह से संबंधित दोष है तो हर गुरुवार का व्रत करना चाहिए । शिवलिंग पर चने की दाल और बेसन के लड्डू चढ़ाएं ।*
4⃣ *वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहे, इसके लिए महिला को दो मुखी या गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ।*

🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🌻🌺🌼💐🌸🌹🙏🏻

Wednesday, 27 May 2020

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞⛅ *दिनांक 28 मई 2020*

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
 *दिनांक 28 मई 2020*
 *दिन - गुरुवार* 
 *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
 *शक संवत - 1942*
 *अयन - उत्तरायण*
 *ऋतु - ग्रीष्म*
 *मास - ज्येष्ठ*
 *पक्ष - शुक्ल* 
 *तिथि - षष्ठी रात्रि 11:27 तक तत्पश्चात सप्तमी*
 *नक्षत्र - पुष्य सुबह 07:27 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
 *योग - ध्रुव रात्रि 12:25 तक तत्पश्चात व्याघात*
 *राहुकाल - दोपहर 02:04 से शाम 03:44 तक* 
 *सूर्योदय - 05:58*
 *सूर्यास्त - 19:13* 
 *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
 *व्रत पर्व विवरण - गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से सुबह 07:27 तक)*
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *मसूढ़ों की सूझन* 🌷
😁 *जामुन के वृक्ष की छाल के काढ़े के कुल्ले करने से दाँतों के मसूढ़ों की सूझन मिटती है व हिल्ते दाँत मजबूत होते हैं।*
🙏🏻 *आरोग्यनिधि पुस्तक से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *यदि घर में अक्सर तनाव की स्थिति बनी रहती है तो सफेद चंदन की बनी कोई भी मूर्ति ऐसे स्थान पर रखें, जहां से सभी सदस्यों की नजर उस पर पड़े। इससे पारिवारिक तनाव खत्म होगा और सदस्यों में आपसी विश्वास बढ़ेगा।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *डर लगता है तो* 🌷
😱 *किसी को डर लगता हो तो | कोई अकेले नहीं सो पाते, कोई भूत पकड़ ले तो, ऐसे बहुत कारणों से डरते हैं| तो गुरुदेव को याद करके*
🌷 *ॐ ॠषिकेशाय नम:... ॐ ॠषिकेशाय नम: ...ॐ ॠषिकेशाय नम: ये जप करें | ये अग्निपुराण में अग्निदेव कहते हैं |*
🙏🏻 *- Shri Sureshanandji Ahmedabad 3rd July' 2012*

🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸🍁💐🙏🏻

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞⛅ *दिनांक 27 मई 2020*

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
 *दिनांक 27 मई 2020*
 *दिन - बुधवार* 
 *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
 *शक संवत - 1942*
 *अयन - उत्तरायण*
 *ऋतु - ग्रीष्म*
 *मास - ज्येष्ठ*
 *पक्ष - शुक्ल* 
 *तिथि - पंचमी रात्रि 12:32 तक तत्पश्चात षष्ठी*
 *नक्षत्र - पुनर्वसु सुबह 07:28 तक तत्पश्चात पुष्य*
 *योग - वृद्धि 28 मई प्रातः 02:21 तक तत्पश्चात ध्रुव*
 *राहुकाल - दोपहर 12:24 से दोपहर 02:04 तक* 
 *सूर्योदय - 05:58*
 *सूर्यास्त - 19:13* 
 *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
 *व्रत पर्व विवरण - 
💥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
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🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷
 *28 मई 2020 गुरुवार को सूर्योदय से सुबह 07:27 तक गुरुपुष्यामृत योग है ।*
🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*
🙏🏻 *- Shri Sureshanandji Kharghar -Navi Mumbai 7th Apr'13*
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🌷 *कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में* 🌷
🌳 *बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |*
🙏🏻 *-लोककल्याण सेतु – जून २०१४ से*
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🌷 *गुरुपुष्यामृत योग* 🌷
🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)*


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