Saturday, 21 April 2018

Inspirational Quotes - अनमोल विचार



English Quote:-   Always being equally and delightful is the highest devotion of God.
Hindi Quote:-     सदैव सम और प्रसन्न रहना ईश्वर की सर्वोपरि भक्ति है।
* Saint Asaram ji Bapu *  संत श्री आसाराम जी बापू 


English Quote:-   Minded anywhere except God,  Then  will have to cry in the end.
Hindi Quote:-      ईश्वर के सिवाय कहीं भी मन लगाया तो अंत में रोना ही पड़ेगा। 
*Saint Asaram ji Bapu  *  संत श्री आसाराम जी बापू 

English Quote:- Never think there is anything impossible for the soul. It is the greatest heresy to think so. If there is sin, this is the only sin; to say that you are weak, or others are weak.
Hindi Quote:- कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है, ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है, अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।
Swami Vivekananda


English Quotes:- That man has reached immortality who is disturbed by nothing material.
Hindi Quote:- उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

Hindi Quote:- क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
Srimadbhagwadgita  श्रीमद्भगवद्गीता

English Quotes:- The mind acts like an enemy for those who do not control it.
Hindi Quote:- जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
Srimadbhagwadgita Quotes In Hindi

English Quote:- If you can, help others; if you cannot do that, at least do not harm them.
Hindi Quote:- भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं। वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है।
Shree Guru Nanak Dev – श्री गुरु नानक देव

English Quote:- Do not dwell in the past, do not dream of the future, concentrate the mind on the present moment.
Hindi Quote:- अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो।
Lord Buddha – भगवान गौतम बुद्ध  

English Quotes:- Health is the greatest gift, contentment the greatest wealth, faithfulness the best relationship.
Hindi Quote:- स्वस्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है।
Lord Buddha Quotes in Hindi

English Quote:- Three things cannot be long hidden: the sun, the moon, and the truth.
Hindi Quote:- तीन चीजें जादा देर तक नहीं छुप सकती, सूरज, चंद्रमा और सत्य।
Lord Buddha – भगवान गौतम बुद्ध



Friday, 20 April 2018

Heart Touching Story Of Mother In Hindi

हार्ट टचिंग स्टोरी ऑफ़ मदर – Heart Touching Story Of Mother In Hindi

मेरी यही इच्छा थी की मेरी माँ मेरी पर्सनल दुनिया से दूर रहे इसीलिये एक दिन घुसे में मैंने कहा, “माँ, तुम्हारी दूसरी आँख ना होने के वजह से जब तुम मेरे दोस्तों के सामने आती हो तो वो मेरा मज़ाक उड़ाते है। तुम मर क्यू नही जाती?”
उस समय मुझे थोडा बुरा महसुस होने लगा था लेकिन दूसरी ओर मै खुश भी था क्योकि हर समय मै जो कहना चाहता था वह मैंने आज कह दिया था। लेकिन ये सब सुनने के बाद मेरी माँ ने मुझे कुछ नही कहा और मुझे भी नही लगता की मैंने उनसे कुछ इतना बुरा और दुःख देने वाली बात कही हो।
मैं इस गरीबी से और मेरी माँ से दूर कही जाना चाहता था, तभी से मैंने बहोत पढाई की। मैंने अपनी माँ को भी छोड़ दिया और पढ़ने के लिए दुसरे शहर आया और वहा के यूनिवर्सिटी मे मुझे एडमिशन भी मिल गया। इसके कुछ सालो बाद वही मैंने वही शादी कर ली। मैंने खुद का घर भी खरीद लिया था। फिर मेरे बच्चे भी हो गए थे। अब मै ख़ुशी से एक सफल इंसान की तरह जी रहा था। मुझे यह ज़िन्दगी बहोत पसंद थी।
दिन ब दिन यह ख़ुशी बढ़ती ही जा रही थी, लेकिन एक दिन अचानक मेरी माँ को मैंने अपने दरवाजे पर देखा, तब सभी मुझसे पुछने लगे की यह कौन है? तो मुझे कहना पड़ा की यह मेरी माँ है, तब मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी सारी खुशियाँ आकाश से निचे गिर गयी हो। मेरी माँ की एक आँख की डर से मेरी छोटी बेटी भी भाग गयी थी। तभी मैंने भी मेरी माँ से पूछा, तुम कौन हो? मै तुम्हे नही जानता!!” मैंने इन्हें डाँटते हुए कहा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर आने की और मेरी बेटी को डराने की! चली जाओ यहाँ से!!”
इतना सुनने के बाद मेरी माँ ने शांति से मुझे जवाब दिया,”ओह, मुझे माफ़ करे। शायद मै गलत एड्रेस पर आ गयी,” और वह चली गयी। मैंने भगवान का शुक्रियादा कीया की उन्होंने मुझे नही पहचाना। अब मै शांत महसुस कर रहा था। और मैंने अपनेआप से कहा की अब मै अपनी पुरानी ज़िन्दगी के बारे में कभी सोचना भी नही चाहता।
कई दिन ख़ुशी से बिताने के बाद….एक दिन मेरे पुराने स्कूल का लैटर मेरे घर आया। मैंने अपनी पत्नी से झूट कहा की मै बिज़नस ट्रिप पर जा रहा हु। मेरे पुराने स्कूल को चला गया उसके बाद मै अपने पुराने घर (झोपडी) में गया, मैंने वहा पाया की मेरी माँ ठण्डी फर्श पर गिरी हुई थी। ये सब देखने के बाद भी मेरी आँखों से एक आँसू तक नही निकला। उनके हाथो में कागज का एक टुकड़ा था……शायद वह मेरे लिए कोई पत्र ही था।
उन्होंने लिखा था :
मेरे बेटे, मुझे लगता है की अब मेरे जाने का समय आ चूका है। और….अब मै तेरे घर भी नही आ सकती…. लेकिन मै एक बार तुम्हे देखना चाहती हु, तुमसे मिलना चाहती हु। मुझे तुम्हारी बहोत याद आती है। और जब मैंने सुना की तुम यह अपने पुराने स्कूल में किसी काम से आ रहे हो तो मुझे काफी ख़ुशी हुई।
लेकिन मैंने निश्चय किया की एक आँख होने की वजह से मै तुम्हारे लिए स्कूल नही जाउंगी और मै नही चाहती थी की मुझे देखकर तुम्हे घबराहट हो। तुम्हे याद होगा की जब तुम बहोत छोटे थे तब तुम्हारा एक एक्सीडेंट हुआ था और तुमने अपनी एक आँख खो दी थी। एक माँ होने की वजह से मै तुम्हे एक आँख में बड़ा होता नही देख सकती थी…..तो मैंने तुम्हें अपनी एक आँख दे दी….और आज मुझे गर्व है की मेरा बेटा इस पूरी दुनिया को देख सकता है।
तुमने जो कुछ भी किया उससे मै कभी दुःखी नही हुई। जितनी भी बार तुमने गुस्सा किया, मैंने अपनेआप से कहा की, शायद तुम इसलिए डाँटते हो क्योकि तुम मुझसे बहोत प्यार करते हो। मुझे आज भी वह समय याद है की जब तुम छोटे होते थे तब हमेशा मेरे आस-पास ही रहते थे। मै तुम्हे बहोत याद करती हु. आई लव यू। मेरे लिए तुम ही मेरी दुनीयाँ हो।
ये सब पढ़कर मुझे लगा की मैंने उस इंसान से नफरत की जो पूरी ज़िन्दगी मेरे लिये जिया। मुझे अपनी माँ के लिए रोना आ रहा था, अब मुझे अपनी सबसे बड़ी गलती का अहसास हो चूका था……
सिख – Moral
किसी इंसान के अपंगत्व के लिए कभी उससे नफरत ना करे, कभी अपने माता-पिता की बेइज़्ज़ती ना करे, उन्हें बलिदानो को कभी ना भूले। उन्होंने ही हमें ये ज़िन्दगी दी है, उन्होंने एक राजा की तरह ही हमें बड़ा करने की कोशिश की है, वे हमेशा हमें देते रहे है और बेहतर से बेहतर देने की कोशिश करते रहे है। वे हमारे हर सपने को पूरा करना चाहते है। वे हमेशा हमें सही रास्ता दिखाकर प्रेरित करते है। बच्चों के लिए माता-पिता अपनी खुशियो का बलिदान देते है और बच्चों की सभी गलतियों को माफ़ करते है। हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए और उन्हें प्यार देना चाहिए।

Sunday, 15 April 2018

कबीर दास जी के दोहे


कबीरा खड़ा बाज़ार मेंमांगे सबकी खैर,ना काहू से दोस्ती, काहू से बैर।

अर्थ: इस संसार में आकर कबीर अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबका भला हो और संसार में यदि किसी से दोस्ती नहीं तो दुश्मनी भी  हो !

रात गंवाई सोय कर दिवस गंवायो खाय
हीरा जनम अमोल था कौड़ी बदले जाय
अर्थरात सो कर बिता दीदिन खाकर बिता दिया हीरे के समान कीमती जीवन को संसार के निर्मूल्य विषयों कीकामनाओं और वासनाओं की भेंट चढ़ा दियाइससे दुखद क्या हो सकता है ?
कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं
पारै पहुंचे नाव ज्यौं मिलिके बिछुरी जाहिं
अर्थइस जगत में कोई हमारा अपना है और ही हम किसी के ! जैसे नांव के नदी पार पहुँचने पर उसमें मिलकर बैठे हुए सब यात्री बिछुड़ जाते हैं वैसे ही हम सब मिलकर बिछुड़ने वाले हैं. सब सांसारिक सम्बन्ध यहीं छूट जाने वाले हैं
पतिबरता मैली भली गले कांच की पोत
सब सखियाँ में यों दिपै ज्यों सूरज की जोत
अर्थपतिव्रता स्त्री यदि तन से मैली भी हो भी अच्छी है. चाहे उसके गले में केवल कांच के मोती की माला ही क्यों हो. फिर भी वह अपनी सब सखियों के बीच सूर्य के तेज के समान चमकती है !
जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि है मैं नाहीं
प्रेम गली अति सांकरी जामें दो समाहीं
अर्थ:  जब तक मन में अहंकार था तब तक ईश्वर का साक्षात्कार हुआ. जब अहम समाप्त हुआ तभी प्रभु  मिले. जब ईश्वर का साक्षात्कार हुआतब अहम स्वत: नष्ट हो गया. ईश्वर की सत्ता का बोध तभी हुआ जब अहंकार गया. प्रेम में द्वैत भाव नहीं हो सकताप्रेम की संकरीपतली गली में एक ही समा सकता हैअहम् या परम ! परम की प्राप्ति के लिए अहम् का विसर्जन आवश्यक है.
मन के हारे हार है मन के जीते जीत
कहे कबीर हरि पाइए मन ही की परतीत
अर्थजीवन में जय पराजय केवल मन की भावनाएं हैं.यदि मनुष्य मन में हार गयानिराश हो गया तो  पराजय है और यदि उसने मन को जीत लिया तो वह विजेता है. ईश्वर को भी मन के विश्वास से ही पा सकते हैंयदि प्राप्ति का भरोसा ही नहीं तो कैसे पाएंगे?
जल में कुम्भ कुम्भ  में जल है बाहर भीतर पानी
फूटा कुम्भ जल जलहि समाना यह तथ कह्यौ गयानी
अर्थ: जब पानी भरने जाएं तो घडा जल में रहता है और भरने पर जल घड़े के अन्दर जाता है इस तरह देखें तोबाहर और भीतर पानी ही रहता हैपानी की ही सत्ता है. जब घडा फूट जाए तो उसका जल जल में ही मिल जाता हैअलगाव नहीं रहताज्ञानी जन इस तथ्य को कह गए हैं !  आत्मा-परमात्मा दो नहीं एक हैंआत्मा परमात्मा में और परमात्मा आत्मा में विराजमान है. अंतत: परमात्मा की ही सत्ता है –  जब देह विलीन होती हैवह परमात्मा का ही अंश हो जाती हैउसी में समा जाती है. एकाकार हो जाती है.
तरवर तास बिलम्बिए, बारह मांस फलंत
सीतल छाया गहर फल, पंछी केलि करंत
अर्थकबीर कहते हैं कि ऐसे वृक्ष के नीचे विश्राम करो, जो बारहों महीने फल देता हो .जिसकी छाया शीतल हो , फल सघन हों और जहां पक्षी क्रीडा करते हों !
मूरख संग कीजिए ,लोहा जल तिराई।
कदली सीप भावनग मुख, एक बूँद तिहूँ भाई
अर्थ: मूर्ख का साथ मत करो.मूर्ख लोहे के सामान है जो जल में तैर नहीं पाता  डूब जाता है . संगति का प्रभाव इतना पड़ता है कि आकाश से एक बूँद केले के पत्ते पर गिर कर कपूर, सीप के अन्दर गिर कर मोती और सांप के मुख में पड़कर विष बन जाती है.
बुरा जो देखन मैं चला बुरा मिलिया कोय
जो घर देखा आपना मुझसे बुरा णा कोय॥
अर्थमैं इस संसार में बुरे व्यक्ति की खोज करने चला था लेकिन जब अपने घरअपने मन में झाँक कर देखा तो खुद से बुरा कोई पाया अर्थात हम दूसरे की बुराई पर नजर रखते हैं पर अपने आप को नहीं निहारते !
कबीर नाव जर्जरी कूड़े खेवनहार
हलके हलके तिरि गए बूड़े तिनि सर भार !
अर्थकबीर कहते हैं कि जीवन की नौका टूटी फूटी है जर्जर है उसे खेने वाले मूर्ख हैं  जिनके सर पर ( विषय वासनाओं ) का बोझ है वे तो संसार सागर में डूब जाते हैंसंसारी हो कर रह जाते हैं दुनिया के धंधों से उबर नहीं पातेउसी में उलझ कर रह जाते हैं पर जो इनसे मुक्त हैंहलके हैं वे तर जाते हैं पार लग जाते हैं भव सागर में डूबने से बच जाते हैं
तेरा संगी कोई नहीं सब स्वारथ बंधी लोइ
मन परतीति उपजै, जीव बेसास होइ 
अर्थतेरा साथी कोई भी नहीं है. सब मनुष्य स्वार्थ में बंधे हुए हैं, जब तक इस बात की प्रतीतिभरोसामन में उत्पन्न नहीं होता तब तक आत्मा के प्रति विशवास जाग्रत नहीं होता. अर्थात वास्तविकता का ज्ञान होने से मनुष्य संसार में रमा रहता है जब संसार के सच को जान लेता हैइस स्वार्थमय सृष्टि को समझ लेता हैतब ही अंतरात्मा की ओर उन्मुख होता हैभीतर झांकता है !
कबीर सीप समंद की, रटे पियास पियास
समुदहि तिनका करि गिने, स्वाति बूँद की आस
अर्थ: कबीर कहते हैं कि समुद्र की सीपी प्यास प्यास रटती रहती हैस्वाति नक्षत्र की बूँद की आशा लिए हुए समुद्र की अपार जलराशि को तिनके के बराबर समझती है. हमारे मन में जो पाने की ललक है जिसे पाने की लगन है, उसके बिना सब निस्सार है.
कबीर सुता क्या करे, जागी जपे मुरारी
एक दिन तू भी सोवेगा, लम्बे पाँव पसारी ।।
अर्थ: कबीर कहते हैंअज्ञान की नींद में सोए क्यों रहते हो? ज्ञान की जागृति को हासिल कर प्रभु का नाम लो।सजग होकर प्रभु का ध्यान करो।वह दिन दूर नहीं जब तुम्हें गहन निद्रा में सो ही जाना हैजब तक जाग सकते हो जागते क्यों नहीं? प्रभु का नाम स्मरण क्यों नहीं करते ?
जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही
अर्थ: जब मैं अपने अहंकार में डूबा थातब प्रभु को देख पाता थालेकिन जब गुरु ने ज्ञान का दीपक मेरे भीतर प्रकाशित किया तब अज्ञान का सब अन्धकार मिट गया  – ज्ञान की ज्योति से अहंकार जाता रहा और ज्ञान के आलोक में प्रभु को पाया।
कबीर तन पंछी भया, जहां मन तहां उडी जाइ।
जो जैसी संगती कर, सो तैसा ही फल पाइ।
अर्थकबीर कहते हैं कि संसारी व्यक्ति का शरीर पक्षी बन गया है और जहां उसका मन होता है, शरीर उड़कर वहीं पहुँच जाता है। सच है कि जो जैसा साथ करता है, वह वैसा ही फल पाता है।

दुर्लभ मानुष जन्म है, देह बारम्बार,
तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि लागे डार।
अर्थइस संसार में मनुष्य का जन्म मुश्किल से मिलता है। यह मानव शरीर उसी तरह बार-बार नहीं मिलता जैसे वृक्ष से पत्ता  झड़ जाए तो दोबारा डाल पर नहीं लगता।
जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ,
मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।
अर्थ: जो प्रयत्न करते हैं, वे कुछ कुछ वैसे ही पा ही लेते  हैं जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है और कुछ ले कर आता है। लेकिन कुछ बेचारे लोग ऐसे भी होते हैं जो डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं पाते।