Sunday, 1 April 2018

*Jai Jai Girivar Raj Kishori.जय जय गिरिवर राज किशोरी ( सीता जी द्वारा पार्वती जी की स्तुति )*

Jai Jai Girivar Raj Kishori.जय जय गिरिवर राज किशोरी ( सीता जी द्वारा पार्वती जी की स्तुति )



जय -जय गिरिवर राज किशोरी । जय महेश मुख चन्द चकोरी।।
जय गजबदन षडाननमाता ।जगत जननी दामिनी दुति गाता।।

नहिं तव आदि मध्य अवसाना । अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।
भव भव विभव पराभव कारिनि। विश्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।।

पति देवता सुतीय महुँ    मातु प्रथम  तव रेख।
महिमा अमित न सकहिं कहि   सहस्  सारदा सेष।।

सेवत तोहि सुलभ फल चारी।बरदायनी पुरारी पिआरी।।
 देबि पूजि पद कमल तुम्हारे ।सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।।

मोर मनोरथु जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबहीं के ।।
कीन्हेऊँ प्रगट न कारन तेहीं।अस कहि चरन गहे बैदेही ।।

बिनय प्रेम बस भई भवानी । खसी माल मूरति मुसकानी ।।
सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ। बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ ।।

सुनु सिय सत्य असीस हमारी । पूजिहिं मनकामना तुम्हारी ।।
नारद बचन सदा सुचि साचा । सो बरू मिलिहि जाहिं मनु राचा ।।

मनु जाहिं  राचेउ मिलिहि सो बरू सहज सुंदर साँवरो ।
    करुना निधान सुजान सीलु सनेह जानत रावरो ।।

एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय सहित हियँ हरषीं अली ।
  तुलसी भवानिहि पूजि पुनि  पुनि मुदित मन मंदिर चली ।।

  सोरठा -जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाय कहि ।
             मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ।। 

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